Rctol: ब्रेस्ट की गांठ और दर्द से राहत पाने का आयुर्वेदिक उपाय

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  • Rctol Capsule ब्रेस्ट की गांठ और दर्द जैसी समस्याओं से राहत पाने में मदद करता है। यह नाजुक ऊतकों को पोषण देने, हार्मोनल संतुलन बनाए रखने और गांठ जैसी असुविधाओं को कम करने के लिए एक आयुर्वेदिक विकल्प है।
  • यह 100% शुद्ध प्राकृतिक उत्पाद है, जिसमें उच्च गुणवत्ता वाली आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ शामिल हैं।
  • आप क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड या नेट बैंकिंग से सुरक्षित भुगतान कर सकते हैं। कैश ऑन डिलीवरी की सुविधा भी उपलब्ध है।
  • सुरक्षित और गोपनीय पैकिंग में 3-5 कार्यदिवसों के भीतर भारत में डिलीवरी की जाती है।

Rctol Capsule: ब्रेस्ट की गांठ और दर्द से राहत पाने का आयुर्वेदिक उपाय

आयुर्वेदिक उपचार ब्रेस्ट की गांठ और दर्द जैसी समस्याओं को प्राकृतिक और प्रभावी तरीके से हल करने में मदद करते हैं।

आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ सूजन कम करने, स्वस्थ ऊतक को बढ़ावा देने, और सिस्टिक वृद्धि को नियंत्रित करने में सहायक होती हैं।

इसके अलावा, इन जड़ी-बूटियों का उपयोग हार्मोनल संतुलन बनाए रखने और परिसंचरण को बेहतर बनाने में भी होता है।

प्राकृतिक रूप से इन समस्याओं से राहत पाने के लिए आयुर्वेद एक आसान और सुरक्षित तरीका हो सकता है, जो महिलाओं की सेहत को बेहतर बनाता है।

आरसीटोल कैप्सूल की प्रमुख जड़ी बूटियां

Rctol Capsule एक विशेष हर्बल मिश्रण है, जो फाइब्रोसिस्टिक स्तन रोग के लक्षणों को कम करने में मदद करता है। इसमें शामिल प्रमुख जड़ी-बूटियाँ निम्नलिखित हैं:

  • कचनार: कचनार की जड़ी-बूटी गांठों और सूजन को कम करने में मदद करती है। यह सिस्टिक वृद्धि को नियंत्रित करने और सूजन को शांत करने में सहायक है।
  • वरुण: वरुण का उपयोग प्राकृतिक विषहरण के लिए किया जाता है। यह लसीका तंत्र को संतुलित करता है और ब्रेस्ट स्वास्थ्य में सुधार लाता है।
  • हरड़: हरड़ अपनी सूजनरोधी और विषहरण गुणों के लिए प्रसिद्ध है। यह सिस्टिक वृद्धि को कम करके ब्रेस्ट स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है।
  • गुग्गुल: गुग्गुल का उपयोग पारंपरिक रूप से हार्मोनल संतुलन बनाए रखने और सूजन कम करने के लिए किया जाता है। यह ब्रेस्ट के ऊतकों की स्थिति में सुधार करता है।
  • आंवला: आंवला के एंटीऑक्सीडेंट गुण सिस्टिक वृद्धि को नियंत्रित करने और ऊतक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करते हैं।
  • बहेड़ा: बहेड़ा के सूजनरोधी और विषहरण गुण सिस्टिक वृद्धि को कम करते हैं, जिससे ब्रेस्ट स्वास्थ्य में सुधार होता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

आरसीटोल कैप्सूल कैसे लें?

Rctol Capsule को दिन में दो बार, खाने के बाद, पानी या दूध के साथ लिया जाना चाहिए। सर्वोत्तम परिणामों के लिए, इसे कम से कम तीन महीने तक नियमित रूप से लें।

क्या आरसीटोल कैप्सूल सुरक्षित हैं?

जी हां, आरसीटोल कैप्सूल पूरी तरह से प्राकृतिक सामग्री से बने होते हैं। इसमें कोई हानिकारक रसायन या कृत्रिम योजक नहीं होते। यह लंबे समय तक सुरक्षित रूप से उपयोग किए जा सकते हैं।

आरसीटोल कैप्सूल के मुख्य लाभ क्या हैं?

Rctol Capsule फाइब्रोसिस्टिक स्तन रोग के लक्षणों को कम करने, सूजन को नियंत्रित करने, और स्वस्थ स्तन ऊतक का समर्थन करने में मदद करता है। यह हार्मोनल संतुलन बनाए रखने और परिसंचरण में सुधार करने के लिए कार्य करता है।

आरसीटोल कैप्सूल अन्य सप्लीमेंट्स से कैसे अलग हैं?

Rctol Capsule में उच्च गुणवत्ता वाली जड़ी-बूटियाँ जैसे कचनार, वरुण, गुग्गुल, और आंवला शामिल हैं। ये जड़ी-बूटियाँ फाइब्रोसिस्टिक स्तन रोग के लक्षणों को प्राकृतिक रूप से नियंत्रित करती हैं, बिना किसी साइड इफेक्ट के।

ORIGIN

India

BRAND

Ayurved Research Foundation

PACKAGING

Plastic Sealed Bottle Pack

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